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ठाकुर खचेडू सिंह चौहान

राष्ट्रीय अध्यक्ष

About

भारतीय किसान यूनियन भूमि में आपका स्वागत है

किसान का महत्व और योगदान किसान किसी भी देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ होते हैं। वे हमारी खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं और राष्ट्र की समृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। भारत जैसे कृषि प्रधान देश में, किसानों का महत्व और भी बढ़ जाता है। किसानों की भूमिका: खाद्य उत्पादन: किसान हमारे लिए अनाज, सब्जियां, फल, और अन्य कृषि उत्पाद उगाते हैं जो हमारी दैनिक जरूरतों को पूरा करते हैं। रोजगार का साधन: कृषि क्षेत्र में रोजगार का एक बड़ा हिस्सा आता है। विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में, खेती लोगों के लिए आजीविका का मुख्य साधन है। ग्रामीण विकास: किसान न केवल कृषि उत्पादन में योगदान करते हैं, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

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-हिमांशु चौहान

राष्ट्रीय प्रवक्ता

About

किसानो के हक की लड़ाई के लिए हमेशा तत्पर

भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहाँ की अधिकांश जनसंख्या कृषि पर निर्भर करती है। किसानों का योगदान केवल अन्न उत्पादन तक सीमित नहीं है; वे हमारी अर्थव्यवस्था के महत्वपूर्ण स्तंभ भी हैं। हालांकि, किसानों को कई चुनौतियों और समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जैसे कि कर्ज का बोझ, प्राकृतिक आपदाएं, न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का अभाव, और भूमि अधिग्रहण के मुद्दे।

Our Members

Our Members

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धर्मपाल सिंह
राष्ट्रीय संरक्षक

किसानों की चुनौतियाँ: मौसम और जलवायु परिवर्तन: असमय बारिश, सूखा, बाढ़, और तापमान में उतार-चढ़ाव जैसी प्राकृतिक आपदाएं किसानों की मेहनत पर भारी पड़ती हैं। आर्थिक समस्याएं: कर्ज का बोझ, फसलों का उचित मूल्य न मिलना, और बाजार में उपज बेचने में कठिनाई जैसी समस्याएं किसानों के आर्थिक स्थिति को प्रभावित करती हैं। तकनीकी ज्ञान की कमी: आधुनिक कृषि तकनीकों और उपकरणों की जानकारी और पहुँच की कमी भी किसानों की उत्पादकता को प्रभावित करती है।.

कुलदीप त्यागी
राष्ट्रीयउपाध्यक्ष

किसान का दैनिक जीवन: किसानों का जीवन बहुत ही कठिन और मेहनत भरा होता है। वे सुबह जल्दी उठते हैं और दिनभर खेतों में काम करते हैं। उन्हें हर दिन बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जैसे:

विपिन कुमार
राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष

समाधान और संभावनाएं: प्रशिक्षण और जागरूकता: किसानों को आधुनिक खेती की तकनीकों, जैविक खेती, और जल संरक्षण के तरीकों के बारे में प्रशिक्षित किया जाना चाहिए। इसके लिए सरकार और गैर-सरकारी संगठनों को आगे आना होगा।

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अनिल कुमार
राष्ट्रिय महासचिव

पहुंचाना, यह सब काम किसान को खुद ही करना होता है। इन सब कामों में बहुत मेहनत लगती है और समय भी। पशुपालन: कई किसान कृषि के साथ-साथ पशुपालन भी करते हैं। उन्हें अपने पशुओं की देखभाल, चारा और पानी का प्रबंध भी करना पड़ता है, जो उनके काम को और भी कठिन बना देता है।


रवीन्द्र सिंह
राष्ट्रीयउपाध्यक्ष

खेतों में काम करना: फसलों की बुवाई, सिंचाई, फसल कटाई, और उन्हें बाजार तक मौसम पर निर्भरता: किसान का जीवन पूरी तरह से मौसम पर निर्भर होता है। अगर मौसम सही रहता है, तो फसल अच्छी होती है, लेकिन अगर मौसम खराब हो जाए, जैसे कि सूखा या बाढ़ आ जाए, तो फसलें नष्ट हो जाती हैं और किसान को भारी नुकसान उठाना पड़ता है।


चरण सिंह
राष्ट्रीय संगठन मंत्री

सरकारी समर्थन: सरकार को किसानों के लिए फसल बीमा, कर्ज माफी, और सस्ते कृषि उपकरण जैसी योजनाओं का विस्तार करना चाहिए, ताकि किसानों की आय में वृद्धि हो सके। कृषि उत्पादों का उचित मूल्य: किसानों को उनकी फसलों का उचित मूल्य मिलना चाहिए। इसके लिए कृषि बाजार में पारदर्शिता और बिचौलियों की संख्या को कम करना जरूरी है।

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कल्लू सिंह
राष्ट्रीय उपसंगठन मंत्री

जल संरक्षण और सिंचाई सुविधाओं का विस्तार: जल संकट से निपटने के लिए सिंचाई की आधुनिक तकनीकों, जैसे ड्रिप इरिगेशन, का उपयोग और जल संरक्षण के प्रयासों को बढ़ावा देना चाहिए।


राकेश कुमार
राष्ट्रिय उपध्याक्ष

तकनीकी सहायता: किसानों को तकनीकी सहायता और इंटरनेट के माध्यम से नवीनतम जानकारी प्रदान की जानी चाहिए, ताकि वे अपनी फसलों की बेहतर देखभाल कर सकें।


पुष्पेंद्र कुमार
राष्ट्रीय सचिव

कृषि भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। यह न केवल खाद्य उत्पादन के लिए आवश्यक है, बल्कि रोजगार के महत्वपूर्ण साधन के रूप में भी काम करती है। भारत की अधिकांश जनसंख्या कृषि पर निर्भर है। कृषि से हमें अनाज, फल, सब्जियाँ, मसाले, और अनेक अन्य प्रकार के कृषि उत्पाद प्राप्त होते हैं।


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मनोज कुमार
राष्ट्रीय सचिव

समय के साथ-साथ कृषि में कई उन्नत उपकरण और तकनीकें आई हैं, जो उत्पादन और गुणवत्ता में सुधार करती हैं। इसमें ट्रैक्टर, हार्वेस्टर, सिंचाई प्रणाली, और ड्रोन शामिल हैं। नई तकनीक जैसे जैविक खेती, हाइड्रोपोनिक्स और वर्टिकल फार्मिंग भी लोकप्रिय हो रही हैं।